ऑन लाइन कक्षाएं चल रही थी,
हमें कुछ बातें भी खल रही थी
आज शोर कुछ ज्यादा ही था,
किसी से किया एक वादा भी था
अपने भी काम कुछ कम नहीं होते,
पढ़ाने का आज, इरादा नहीं था
सिर दुख रहा था,
बच्चों का शोर सुनकर,
कुछ सुकून सा पाया
दस मिनट का ब्रेक लेकर,
फ़िर गोल-गप्पों के आग्रह आए
ख़ूब सारे गोल-गप्पे भी बनाए
इमली के पानी के साथ
सबने आनन्द ले के खाए ..
*****✍️गीता