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दिखाई पड़ता है

तेरी आंखें में जैसे कोई नशा दिखाई पड़ता है
तेरे होंठ में जैसे कोई मदिरा दिखाई पड़ता है

ये तेरा धीरे धीरे पलकों को उठा कर हँसना
तेरे मुस्कुराहट में जैसे कोई कतल-ऐ-अंदाज़ दिखाई पड़ता है

ये तेरे सुनहरे, रेशम जैसे बाल क्या कहू
तेरे बालों की लटें जैसे कोई घटा दिखाई पड़ता है

यूँ तेरा एकटक हमको देखना बिना नज़रें झुकाये
तेरे आँखों में जैसे कोई अपना दिखाई पड़ता है

तुझे पा तो लिया मगर यकीं नहीं आता दिल को
तेरे प्यार में जैसे कोई सपना दिखाई पड़ता है…………………….!!

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