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दिल की बात

दिल की बात कागज पर ना लिख सकें,
दिल और मन की बात करत मोहे लागे लाज।
अपनी वेवसी किसको सुनाएं बता दो मेरे नाथ,
दिल मन की बात दबी रह गयी हुई बावरी आज।।

✍महेश गुप्ता जौनपुरी

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