मुश्किलें दिल के इरादे आजमाती हैं,
स्वप्न के परदे निगाहों से हटाती हैं,
हौसला मत हार गिर कर ओ मुसाफिर,
ठोकरें इन्सान को चलना सिखाती हैं |
मुश्किलें दिल के इरादे आजमाती हैं,
स्वप्न के परदे निगाहों से हटाती हैं,
हौसला मत हार गिर कर ओ मुसाफिर,
ठोकरें इन्सान को चलना सिखाती हैं |