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दिल खिलौना

बारीकियों से पढ़ मेरे दिल की किताब को
गलती से कोई पन्ना कहीं छूट ना जाए।
मिट्टी का खिलौना तुम्हें लगता है दिल मेरा
पर ऐसे खेलना कहीं ये टूट ना जाए।
Shakti Tripathi “DEV”

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