जो सितारों को मुँह चिढाएँगे,
आज वो दीप हम जलाएँगे।
आँख दुनिया की चौंधियाएँगी,
इस कदर रोशनी लुटाएँगे।
जीते हैं अबभी जो अँधेरों में,
उनको हम रोशनी में लाएँगे।
जो हैं रूठे उन्हें लगाके गले,
दिल की हम दूरियाँ मिटायेंगे।
उम्रभर दिल को उजाले देगी,
आस की एक लौ जलाएँगे।
©अनु..✍️