नन्हीं कलियों से आस लगाना
दुनियां की पुरानी आदत है
तनहा मुंह मियां मिट्ठू रहकर
खुशफहमी पालना आदत है
संगत से खुद को बचाते जाना
इंसानों की अब तो फितरत है
कंधा से कंधा मिलाते थे जो
अकेलेपन के शिकार हुए
डाक्टर का दर्शन करते रहे
प्रार्थना की ही इनायत है
चुनाव के मौसम आते ही
फिर दर्शन को बेताब हुए
परिणाम आते ही उनसे फिर
वही पुरानी शिकायत है