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दूर से कब वो समझ आता है……..

कुछ तो होता जरुर नाता है

ऐसे कोई नहीं मिल जाता है।

उसी के सामने दिल को खोलें

जिसे कुछ हाल पढऩा आता है।

फिर कोई भीड़ ही नहीं लगती

भीड़ में जब वो नजर आता है।

किसको रख लें, किसे गिरा दें वो

ये तो नजरों को खूब आता है।

साथ चलती रहे दुनिया सारी

साथ कोई एक ही निभाता है।

उसके दिल में उतर के देखेंगे

दूर से कब वो समझ आता है।

साथ उनका तो बस बहाना था

रास्ता तो हमें भी आता है।

………….सतीश कसेरा

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