देखने की आश, ज्योति कुमार 6 years ago तुझे देखने की आश लगा बैठा हूँ, तुझे पाने की आरजु दिल मे सजा बैठा हूँ,, कौन से दिन आयेगें मिलन की पंडितो से दिखाकर बैठा हूँ।। ज्योति