Site icon Saavan

देखा तुम आ गए

थी खत्म जिंदगी देखा तुम आ गए
मरना था लाजमी देखा तुम आ गए
विरह की अग्नि में जल रहा था बदन
बन के ठंडी पवन देखा तुम आ गए।

रात में उठ के हम गुनगनाने लगे
गीत जो थे लिखे हम सुनाने लगे
तुम हमारे लिए कुछ भी कर जाओगे
ऐसे सपने भी हम अब सजाने लगे।

नींद से अब जगाने लगे हो प्रिये
मेरे सपनो में आने लगे हो प्रिये
पहले भी थे तुम मेरे हृदय में कहीं
अब तो धड़कन बढ़ाने लगे हो प्रिये।

देखा चेहरा तो मुझको हया आ गई
तेरी बातें भी कुछ इस तरह भा गई
वक्त का कुछ पता अब तो चलता नहीं
तुझसे बातें हुईं और सुबह हो गई ।

Exit mobile version