देख लिया Suman Kumari 3 years ago देख लिया दुनिया तुझको अब और नहीं कुछ चाहत है, हर तरफ चेहरे पर एक चेहरा है अपनों से ही हर जन आहत है। अब और फरेब की गुंजाइश नहीं यहां अपनापन की लगी नुमाइश है ढिठता की हद पार किए दिखती नही शरमाहट है।