दोस्ती होती नहीं कुछ यूँ ही आजमाने के लिए
दोस्ती होती है जन्म जन्मा न्तर तक निभाने के लिए
राम सुग्रीव और कृष्ण सुदामा को देखो
दोस्ती में सौ गुना स्नेह बढ़ाने के लिए
दोस्ती होती नहीं कुछ यूँ ही आजमाने के लिए
दोस्ती होती है जन्म जन्मा न्तर तक निभाने के लिए
राम सुग्रीव और कृष्ण सुदामा को देखो
दोस्ती में सौ गुना स्नेह बढ़ाने के लिए