Site icon Saavan

द्वय–वय–जीवन उत्कृष्ट विभूषित

हृदय–पटल पर नृत्यमय
नुपुर झनक से झंकृत
हूँ विस्मित मैं मधु-स्वर से
विह्वल अभिराम को आह्लादित

तिमिर अंतस को कर धवल—
कनक–खनक करके उज्जवल
सारंग–सा हो भाव प्रज्जवलित
सोम–सुधा सा रुप लक्षित

दृग–कामना भी छलक रही—
पलक पर व्याकुलता थिरक रही
विधु–विनोद–अनुराग मिश्रित
गुण–प्रभा इला चंचला सुसज्जित

प्रखर–सौन्दर्य अपूर्व–अनुपम
आलिंगन को प्रेयस मन सिंचित
श्रृँगार–मधुरिम और मिलन–यामिनी
शाश्वत–पुष्प सा स्वप्न ‘रंजित’

चित्त निर्मल निर्झर सा कल–कल
श्वास—वाटिका हों सुगंधित
मति–सुमति का सुवास पल–पल—
द्वय–वय–जीवन उत्कृष्ट विभूषित….||

——– रंजित तिवारी “मुन्ना”

Exit mobile version