Site icon Saavan

धरती

किसके कहने पे ये डाली झूम- झूम इठलाती है,

तेज हवा के झोंके से ये पत्ती क्यूँ गिर जाती है,

बारिश की ये बूँद भला क्यूँ खुदपर इतना इतराती है,

धरती से मिल जब अपना ये वजूद ढूंढती रह जाती है।।

राही (अंजाना)

Exit mobile version