दर्द तो दुनिया ने बहुत दिए,
पर दुनिया वाले भी अपने थे,
इसीलिए खुशी-खुशी सह लिए।
अपने यारों से उम्मीदें बहुत थी,
पर वह भी मुझे समझ न पाए।
दुखी तो बहुत था दिल पर जताने का मन न किया,
अब दिल को क्या पता था जान जिनपर वारी,
दर्द भी उन्होंने ही दिया।।