Site icon Saavan

नन्दकिशोर

रक्तिम अधर रक्तिम कपोल
श्याम वरण था उसका।
कजरारी नयना थी उसकी
नरम चरण था उसका।
घुंघरे घुंघरे बाल थे उसके
मेरा वो चितचोर था।
विनयचंद वो रसिया जिसका
नाम नन्दकिशोर था।

Exit mobile version