नन्ही चिड़िया है बेटी
आँगन के बीच चहकने दो
कली कमल की है बेटी
बगिया के बीच महकने दो
मीठी सी मुस्कान है बेटी
हर्षित पुलकित होने दो
इसको भी जीने का हक है
जग में आ जाने दो ।
~ कमलेश कौशिक
गुरुग्राम 106
नन्ही चिड़िया है बेटी
आँगन के बीच चहकने दो
कली कमल की है बेटी
बगिया के बीच महकने दो
मीठी सी मुस्कान है बेटी
हर्षित पुलकित होने दो
इसको भी जीने का हक है
जग में आ जाने दो ।
~ कमलेश कौशिक
गुरुग्राम 106