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नया साल

इस नये साल में इतिहास नया बनाना हैं।

पुरानी राहों पर दुनिया चलती हैं,
हमें राह नया छोड़ जाना हैं।
हुआ नही हैं जो अबतक,
वो करके दिखलाना हैं।
इस नये साल…………………………।

खायें बहुत हैं ठोकर हमने,
बहुत सहें हैं जुल्मों-सितम।
उन पत्थरों को चुन-चुन कर,
पथ नया हमें बनाना हैं।
इस नये साल…………………………।

हुआ बहुत जग हँसाईं अपना,
हुआ बहुत जात-पात।
भुलकर पुरानी बातों को,
नया भारत हमें बनाना हैं।
इस नये साल…………………………।

थे हम प्रथम विश्वगुरु,
पाया संसार हमसे ही अहिंसा का ज्ञान।
फिर जगमग हो जायें पूरा संसार,
लौ ऐसा बनकर दिखलाना हैं।
इस नये साल…………………………।

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