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नये जमाने की नयी बेटियाँ

कामयाबी के डगर पे चल पड़ी है,
नये जमाने की नयी बेटियाँ।
बेटी से नफरत करने वाले जालीम समाज,
देख आसमां में छा गयी आज की नयी बेटियाँ।।
वो जमाना गया जब हम जुल्म के शिकार थे,
अब ईंट के जवाब पत्थर से दे सकती है बेटियाँ।
हम से है जमाना जमाने से हम नहीं,
यही एलान करती है आज की नयी बेटियाँ।।
बेटी को जन्म से पहले ही माड़ने वाले,
जरा सोच तेरी माँ भी किसी की रही होगी बेटियाँ ।
क्या होता जब माड़ देती तुझे वह अपनी ही कोख में,
जिसने तुझे जन्म दिया होगी वह उच्च विचार की बेटियाँ।।

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