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नये लोग, नयी शहर, नयी जहां मुबारक हो तुम्हें ।

नये लोग, नयी शहर, नयी जहां मुबारक हो तुम्हें ।
जहां की सारी खुशियाँ झुके तेरे कदम,ये दुआ है मेरे ।।
नये लोग, नयी शहर, नयी जहां मुबारक हो तुम्हें ।।1।।

लगे तेरे नसीब की हर एक बला हमें, मााँगु रब से यही दुआ मैं ।
न आये तेरे नसीब में वो घडी कभी, जो तुझे मेरी जरूरत पडे ।।
नये लोग, नयी शहर, नयी जहां मुबारक हो तुम्हें ।।2।।

जिये जहाँ में तु जहां के साथ मुस्कुरा के सदा ।
न छूटे तेरे लबों की हँसी वो कभी ।।
नये लोग, नयी शहर, नयी जहां मुबारक हो तुम्हें ।।3।।

तु जहाँ रहें, जहाँ की वादियाँ साथ दे तुम्हें ।
ना पडे तेरे नसीब मौसम का वो आाँच कभी ।।
नये लोग, नयी शहर, नयी जहाां मुबारक हो तुम्हें ।।4।।

ना आये तुझे वो कभी मेरा याद ।
तु अपनी जहां में आबाद रहें ।।
नये लोग, नयी शहर, नयी जहां मुबारक हो तुम्हें ।।5।।

अब क्या पेश करूँ तुझे मैं, जहां की सारी खुशियाँ नसीब हो तुम्हें ।
तेरी किसम्त की हर एक बला नसीब हो हमें ।।
नये लोग, नयी शहर, नयी जहां मुबारक हो तुम्हें ।।6।।
 विकास कुमार

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