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नववर्ष

नये वर्ष में नये तराने गाएंगे।
खुशियों की चहुँओर बहारें लाएंगे।
सुखता,संपन्नता व्याप्त हो चहुँ दिस में
कष्ट न वाणी से हम अब पहुँचाएंगे।।

नूतन विहान नव मंजुल मंगल हो जाए
आशीष नेह ईश्वर का हम सब पाएँ।
आशाओं के सुमन खिलें घर आंगन में
मानस पटल पर छाए स्वप्न साकार हो जाएँ।।

प्रफुल्लित प्रमुदित मन का कोना-कोना हो जाए
मन देशप्रेम से सराबोर अब हो जाए।
अमन चैन खुशहाली की बारिश हो,
नववर्ष सभी का मंगलमय हो जाए।।

स्वरचित मौलिक रचना
✍️… अमिता गुप्ता “नव्या”
कानपुर,उत्तर प्रदेश

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