घर से तू बाहर न निकलो जनाब
हर गली में कोरोना का पहरा है।
हाथ धोओ रे साबुन से बारम्बार
हर गली में कोरोना का पहरा है।।
नाक मूँह पर लगाओ हमेशा नकाब
हर गली में कोरोना का पहरा है।
सेनिटाइज रहो न मिलाओ रे हाथ
हर गली में कोरोना का पहरा है।।
हर संभव सब सबका देना रे साथ
हर गली में कोरोना का पहरा है।
जीओ ‘विनयचंद ‘और जीए समाज
नाम सुमिरन का बल बड़ा तगड़ा है।।