बिन नारी इस जीवन की संकल्पना अधूरी है,
खुशहाल जीवन के लिए, महिला सशक्तिकरण जरूरी है।
समाज में फैली कुप्रथाओं नें,
इनके अधिकारों का हनन किया,
कभी सती हुई,कभी बाल विवाह,
आज दहेज के दंश ने इनका दमन किया,
तोड़ो रूढ़िबद्ध धारणाओं की जंजीरों को,
अब नया सवेरा जरूरी है।
खुशहाल जीवन के लिए महिला सशक्तिकरण जरूरी है।।
कदम से कदम मिलाकर,
देश की नींव सुदृढ़ करना है,
महिलाओं को सशक्त बनाकर,
उनका दामन खुशियों से भरना है,
उपेक्षा का भाव त्याग कर,
दो बोल प्यार के जरूरी हैं।
खुशहाल जीवन के लिए महिला सशक्तिकरण जरूरी है।।