अभिव्यक्ति बस दिल से:-
**************
रोते नहीं हैं हम बस सिसकते
रहते हैं
तेरी यादों में आहें हम भरते
रहते हैं
नासमझ है तू जो नहीं चाहता
मुझको
ना जाने कितने दिल हैं जो मेरी मोहब्बत में
तड़पते रहते हैं…
अभिव्यक्ति बस दिल से:-
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रोते नहीं हैं हम बस सिसकते
रहते हैं
तेरी यादों में आहें हम भरते
रहते हैं
नासमझ है तू जो नहीं चाहता
मुझको
ना जाने कितने दिल हैं जो मेरी मोहब्बत में
तड़पते रहते हैं…