ना जाने कितने मौसमों की हवा ली हमने राही अंजाना 6 years ago ना जाने कितने मौसमों की हवा ली हमने, ना जाने कितने साँसों को सदा दी हमने, कहने को कह दी हर बात सरसराहट से हमने, ना जाने कितने ही दिलों को दवा दी हमने।। राही (अंजाना)