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ना जाने किस दिन आ जाए काल तोहार

राम नाम का जाप करो रे मुख से बारम्बार।
ना जाने किस दिन आ जाए काल तोहार। ।
लख चौरासी चक्कर खाया।
फिर कहीं जाके नर तन पाया। ।
मानुष का तन विषय भोग में मत करना बेकार।
ना जाने किस दिन आ जाए काल तोहार।।
नरक यमालय नदी बैतरणी।
गर्भवास व जीवन मरनी।।
दुख दुनिया है मेरे भैया दुखों का भण्डार।
ना जाने किस दिन आ जाए काल तोहार।।
भजन बिना कुछ काम न आए।
धन – दौलत सब यहीं रह जाए।।
विनयचंद रे राम नाम का सदा करो ब्योपार।
ना जाने किस दिन आ जाए काल तोहार।।
……………….पं़विनय शास्त्री………………

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