चाँद तारे आसमाँ सब की निगरानी करना,
जब तक मैं न आऊँ इतनी मेहरबानी करना,
जिस्म ऐ मोहब्बत पर जब तक रूह का रंग न चढ़े,
गुज़ारिश ये के तुम इस कागज़ी पैहरन की क़ुरबानी करना,
जो मिलूँ न यूँही हकीकत के समन्दर में मैं कहीं,
तो सुनो ख्वाबों के मुहाने पर आकर मेरी मेज़बानी करना।।
राही (अंजाना)