बच्चे दिए थे उसने
चार बच्चे,
रात को ठंड थी,
चूँ चूँ, कूँ कूँ
कर रही थी वह
एक बार भौंक भी दी दर्द में,
सामने के भवन में
सो रहे आदमी की
नींद में खलल पड़ गया,
उसे गुस्सा आ गया,
उसने पत्थर से उस माँ को
लहुलूहान कर दिया।
बच्चे दिए थे उसने
चार बच्चे,
रात को ठंड थी,
चूँ चूँ, कूँ कूँ
कर रही थी वह
एक बार भौंक भी दी दर्द में,
सामने के भवन में
सो रहे आदमी की
नींद में खलल पड़ गया,
उसे गुस्सा आ गया,
उसने पत्थर से उस माँ को
लहुलूहान कर दिया।