नेकी कर दरिया में डाल,
यह कहावत बड़ी कमाल।
आओ सुनाऊं एक कहानी,
नेकी करने की उसने ठानी।
उस ने नेकी कर दरिया में डाली,
वह नेकी एक मछली ने खा ली।
नेकी खाकर मछली हो गई,
खुशियों से ओत प्रोत।
नेकी कर और बन जा,
किसी की खुशियों का स्रोत।।
_____✍️गीता