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न हम है किसी के

न हम है किसी के
ना हमारा है कोई
हम एक है
हमारा वस्ता है खूद से ।।1।।
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चंचल मन पे बहकना
कामी का काम है
मन को जो साधता
वह खूद के समीप है ।।2।।
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हम एक है
सब एक है
ये द्वन्द तत् है
ये सब शक्ति का खेल है ।।3।।
विकास कुमार

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