सच बोलने वालों की जहां में कदर नहीं होती
इमानदारों के पास मखमल की चादर नहीं होती।
सो जाते हैं वह तो धूप की चादर बिछाकर
उनके सपनों में पंखों की उड़ान नहीं होती।
सच बोलने वालों की जहां में कदर नहीं होती
इमानदारों के पास मखमल की चादर नहीं होती।
सो जाते हैं वह तो धूप की चादर बिछाकर
उनके सपनों में पंखों की उड़ान नहीं होती।