पढ़ लेते हैं पन्ने जिंदगी के। प्रतिमा चौधरी 4 years ago पढ़ लेते हैं पन्ने जिंदगी के, जब हंसना हो या रोना हो। अब भी उसी तरह दिखते हैं , वो बदलते ही नहीं , बीते वक्त के बाद भी।