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पराजय

रात रात भर जाग कर
आगे बढ़ने की होड़

चल कपट से जो जीता
ये तेरी जीत नहीं

संभल जा ऐ बंदे
जीत के भी तेरी हार हुई

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

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