प्रिय की प्रियतमा बनकर
आनंदमय जीवन का सूत्रधार बनो
अशोविता हो एक सशक्त जीवन
एक ऐसा ही तुम सार बनो
संलग्न कर जीवन तुम अपना
करो पथिक का पूरा सपना
जीवन जिसका तुम संग बीता
बनी रहो उसकी परिणीता।
वीरेंद्र सेन प्रयागराज
प्रिय की प्रियतमा बनकर
आनंदमय जीवन का सूत्रधार बनो
अशोविता हो एक सशक्त जीवन
एक ऐसा ही तुम सार बनो
संलग्न कर जीवन तुम अपना
करो पथिक का पूरा सपना
जीवन जिसका तुम संग बीता
बनी रहो उसकी परिणीता।
वीरेंद्र सेन प्रयागराज