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पाप हारिणि माँ अहिल्या

जिस नारी को समझ पातकी
पति ने पत्थर बना दिया था।
दे निज चरणन की धूल रामजी
पंचकन्याओं में सजा दिया था।।
प्रातकाल उठि सुमिरन करते
इनका जो भी नर -नारी।
उनके सारे पाप कटे और
बने मोक्ष के अधिकारी।।

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