आज यह धरती माता,कर रही हम सब से यह पुकार है।
मुझसे जन्मा अस्तित्व तेरा,और मुझसे ही यह संसार है।।
मत करो क्षरण प्राकृतिक संसाधनों का,
रोपो सब मिलकर वृक्ष कई रोशन होगा सबका कुनबा,
चहुंओर बिछेगी हरियाली,
नदियां देंगी स्वर् कल कल का,
चरणों में अमिता करती वंदन हर क्षण मां तेरा आभार है।
तुझसे जन्मा अस्तित्व मेरा और तुझसे ही यह संसार है।।