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पृथ्वी दिवस’ (22 अप्रैल)

पृथ्वी ही ग्रह जहां जीवन
नदी झरने पहाड़ वाले वन
जल वायु मिट्टी जैसे संसाधन
अत्यधिक इनका न हो दोहन

पृथ्वी दिवस जैसे आयोजन
सजग करते हैं हमें सज्जन
आलस त्याग आओ हर जन
धरती का कण कण हो वन

मां के समतुल्य है ये धरती
कितने अत्याचार हर रोज सहती
वृक्ष कटाई पर लगे प्रतिबंध
हरियाली युक्त हो देश बने तपोवन

वृक्षारोपण का रोज हो आयोजन
संयुक्त प्रयासों से सुधरेगा पर्यावरण
संरक्षित रखना इसे हमारा कर्त्तव्य
सजगता से बनता जीवन है स्वर्ग

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