पैरों की अपने वो झुर्रियां छुपा लेता है राही अंजाना 6 years ago पैरों की अपने वो झुर्रियां छुपा लेता है, चेहरे पर झूठी वो हंसी सजा लेता है, बनाने को किस्मत की लकीरें बच्चों की, पिता हाथों की अपने लकीरें मिटा लेता है।। राही (अंजाना)