नारी पर अत्याचार करना ही
पौरुष की निशानी नहीं है।
बल्कि हर कदम पर
नारी के साथ चलना
और उसके सम्मान को
सर्वोपरि रखना ही
पौरुष की निशानी है।
नारी पर अत्याचार करना ही
पौरुष की निशानी नहीं है।
बल्कि हर कदम पर
नारी के साथ चलना
और उसके सम्मान को
सर्वोपरि रखना ही
पौरुष की निशानी है।