नन्ही मुन्नी गुड़िया सी
मीठी-मीठी गुड़िया सी।
बातें करती गपर – गपर
वो हंसी तो खिलती धूप मगर ।
लड़ती ,भिडती, हंसती खिलती
जैसे धूप छांव हंसती खि लती।
लड़ने में झांसी रानी है
हंसने में ना कोई सानी है
जब बोले तो जैसे फूल झढ़े
रोए तो आंसू अनमोल लगे
नन्ही है लेकिन मदद गार
करने को हर काम तैयार।
मेरे दिल की हो तो रानी है
मेरी बहना बहुत सयानी हैं
निमिषा सिंघल