मुझे एहसान नहीं प्यार चाहिए।
मुझे रहम नहीं एतबार चाहिए।
तुम ही मेरे दिल की सुकून हो,
मुझे तड़प नहीं करार चाहिए।
बगैर तुम्हारे अब जीना है मुहाल,
मुझे तसव्वुर नहीं दीदार चाहिए।
बरसों से जिंदगी का चमन है सूना,
मुझे खिजां नहीं बहार चाहिए।
देवेश साखरे ‘देव’