Site icon Saavan

प्यास तेरी चाहत की बेशुमार आजकल है

प्यास तेरी चाहत की बेशुमार आजकल है!
मेरी नजर में हरपल आती तेरी शकल है!
खामोश़ हो गया हूँ गम-ए-जुदाई से मगऱ,
साँसों’ में तेरी दौड़ती तस्वीर की नकल है!

Composed By #महादेव

Exit mobile version