प्रचंड ज्वार लाओ
नव चेतना जगाओ
इतिहास नव रचो तुम
नित नव कुसुम खिलाओ
तुम हो अखंड दीपक
बुझने की बात छोड़ो
इतिहास के रचयिता
इतिहास फिर से मोड़ो
प्रचंड ज्वार लाओ
नव चेतना जगाओ
इतिहास नव रचो तुम
नित नव कुसुम खिलाओ
तुम हो अखंड दीपक
बुझने की बात छोड़ो
इतिहास के रचयिता
इतिहास फिर से मोड़ो