सच्चे मन से की गयी प्रार्थना कबूल होती है
माफ कर सकता है ईश्वर जो भूल होती है
मत बनो नास्तिक इसी में भलाई है
आदमी की औकात केवल धूल होती है
सच्चे मन से की गयी प्रार्थना कबूल होती है
माफ कर सकता है ईश्वर जो भूल होती है
मत बनो नास्तिक इसी में भलाई है
आदमी की औकात केवल धूल होती है