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प्रिय

तेरी हँसी- वादियों का मारा हूँ मैं,
तुझे जिस्मों-जान तक उतारा हूँ मैं।
प्यार करके कहती हो,
शादी-शुदा हूँ मैं।
तो कान खोलकर सुन लो,
दो बच्चों का बाप होते हुए,
अभी तक कुँवारा हूँ मैं।

:-अमोद कुमार राय

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