छोंड़ दी थी जो गलियां
हमने कभी,
आज सजकर फिर उन्हीं में जाना है
संदेश भेजा है उन्होंने प्रेम का,
जिनको हमने रब से ज्यादा माना है…
छोंड़ दी थी जो गलियां
हमने कभी,
आज सजकर फिर उन्हीं में जाना है
संदेश भेजा है उन्होंने प्रेम का,
जिनको हमने रब से ज्यादा माना है…