प्रेम सिर्फ अनुभूति है
नहीं, प्रेम अनुभूति से
अलग कोई एहसास है
जिसे देखा जा सकता है
किसी की आँखों में
किसी की साँसों में
किसी की ख़ामोशी में
किसी की सरगमों में
किसी की यादों में
किसी की ज़ुबाँ में
बंद होती है आँखें
बस इस एहसास को
देखने के लिए
राजेश’अरमान’
नहीं, प्रेम अनुभूति से
अलग कोई एहसास है
जिसे देखा जा सकता है
किसी की आँखों में
किसी की साँसों में
किसी की ख़ामोशी में
किसी की सरगमों में
किसी की यादों में
किसी की ज़ुबाँ में
बंद होती है आँखें
बस इस एहसास को
देखने के लिए
राजेश’अरमान’