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प्रेम

नफरत नहीं उगेगी यहां प्रेम बोया जाता है
संप्रदाय है नहीं जो भाई को लड़ाता है
सज्जन का वेश लेकर रावण है फिर चला
होगा न हरण सीता को मारना भी आता है और

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