प्रेम Pragya 3 years ago प्रेम से अधिक प्रिय कोई एहसास नहीं जो इसे नहीं समझते उनसे प्रेम की आस नहीं। बसाया कभी था जिसको ह्रदय में, अब उसी को मेरे प्रेम का एहसास नहीं।😥😥