तुम ककड़ी सी शीतल
मैं नमक सा स्वाद,
मिर्च सी बहस से
होता है विवाद।
मुहब्बत नहीं है अपवाद
क्यों करना समय बर्बाद
आओ स्नेह को कर दें आबाद।
खुशियों के पुष्प खिलेंगे
जब मूल में होगी
मुहब्बत की खाद।
तुम ककड़ी सी शीतल
मैं नमक सा स्वाद,
मिर्च सी बहस से
होता है विवाद।
मुहब्बत नहीं है अपवाद
क्यों करना समय बर्बाद
आओ स्नेह को कर दें आबाद।
खुशियों के पुष्प खिलेंगे
जब मूल में होगी
मुहब्बत की खाद।